दोस्तों आज मैं आपको सबसे बड़ा सफलता का गुरु मंत्र (guru mantra) बताने जा रहा हूँ। ये एक ऐसा गुरु मंत्र है जिसे अगर आपने अपनी जिंदगी में ढाल लिया तो दुनिया की कोई ताकत आपको सफल होने से नहीं रोक सकती। एक चिड़िया का बच्चा जब अपने घोंसले से पहली बार बाहर निकलता है तो उसके पंखों में जान नहीं होती। वो उड़ने की कोशिश करता है लेकिन जरा सा उड़कर गिर जाता है। वह फिर से दम भरता है और फिर से उड़ने की कोशिश करता है लेकिन फिर गिरता है। वो उड़ता है और गिरता है। यही क्रम निरंतर चलता जाता है। एक बार नहीं, दो बार नहीं बल्कि हजारों बार वो गिरता है लेकिन वो उड़ना नहीं छोड़ता और एक समय ऐसा भी आता है जब वो खुले आकाश में आनंद से उड़ता है। मेरे दोस्त जिंदगी में अगर उड़ना है तो गिरना सीख लो क्योंकि आप गिरोगे, एक बार नहीं बल्कि कई बार। आपको गिरकर फिर उठना है और फिर उड़ना है। याद करो वो बचपन के दिन, जब बच्चा छोटा होता है तो वो चलने की कोशिश करता है। पहली बार चलता है तो गिरता है, आप भी गिरे होंगे। एक बार नहीं, कई बार, और कई बार तो बच्चों को चोट भी लग जाती है। किसी का दांत टूट जाता है, तो किसी के घुटने में चोट लग जाती है और कई बार तो सर से खून तक निकल आता है, पट्टी बांधनी पड़ती है। लेकिन वो बच्चा चलना नहीं छोड़ता। सर पे पट्टी बंधी है, चोट लगी है, दर्द भी हुआ है लेकिन माँ की नजर बचते ही वो फिर से चलने की कोशिश करता है। उसे गिरने का डर नहीं है और ना ही किसी चोट का डर है, उसको चलना सीखना है और वो तब तक नहीं मानता जब तक चल ना ले। सोचो उस बच्चे में कितनी हिम्मत है, उसके मन में एक लक्ष्य है – “चलना सीखना”। और वो चलना सीख भी जाता है क्योंकि वो कभी गिरने से डरता ही नहीं है। लेकिन जब यही बच्चा बड़ा हो जाता है, उसके अदंर समझ आ जाती है तो वो डरने लगता है। इंसान जब भी कोई नया काम करने की कोशिश करता है उसके मन में गिरने का डर होता है।