Mr. Baliram Rajak An Author, Educator, Business Consultant and a successful Entrepreneur, he is a much sought-after speaker.

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सफलता का गुरु मंत्र- उड़ना है तो गिरना सीख लो…

दोस्तों आज मैं आपको सबसे बड़ा सफलता का गुरु मंत्र (guru mantra) बताने जा रहा हूँ। ये एक ऐसा गुरु मंत्र है जिसे अगर आपने अपनी जिंदगी में ढाल लिया तो दुनिया की कोई ताकत आपको सफल होने से नहीं रोक सकती। एक चिड़िया का बच्चा जब अपने घोंसले से पहली बार बाहर निकलता है तो उसके पंखों में जान नहीं होती। वो उड़ने की कोशिश करता है लेकिन जरा सा उड़कर गिर जाता है। वह फिर से दम भरता है और फिर से उड़ने की कोशिश करता है लेकिन फिर गिरता है। वो उड़ता है और गिरता है। यही क्रम निरंतर चलता जाता है। एक बार नहीं, दो बार नहीं बल्कि हजारों बार वो गिरता है लेकिन वो उड़ना नहीं छोड़ता और एक समय ऐसा भी आता है जब वो खुले आकाश में आनंद से उड़ता है। मेरे दोस्त जिंदगी में अगर उड़ना है तो गिरना सीख लो क्योंकि आप गिरोगे, एक बार नहीं बल्कि कई बार। आपको गिरकर फिर उठना है और फिर उड़ना है।

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कठिनाइयों में छिपा होता है बड़ा सबक…

इस दुनिया में शायद ही कोई इंसान होगा जिसके जीवन में कठिनाइयाँ ना हों। जब तक जीवन चलता है सुख और दुःख दोनों साथ चलते रहते हैं। लेकिन हर कठिनाई के साथ एक अच्छा सबक छिपा होता है। इतिहास गवाह है कि जिस व्यक्ति ने अपनी कठिनाइयों का सामना करके उनसे पार पाया है वही आगे जाके सफल हुआ है। यूँ तो कठिनाई आने पर हर इंसान विचलित हो जाता है, आप भी और मैं भी। लेकिन हमें कठिनाइयों से लड़ना सीखना है, आइये आज इस विषय पर थोड़ा गौर फरमाते हैं – क्या करें जब आप कठिनाइयों से घिरे हों---खुद को दें सलाह –स्वामी विवेकानन्द ने कहा है कि अगर कोई शख्स आपकी सच्ची मदद कर सकता है तो वो हैं खुद “आप”। जब आप किसी कठिनाई में फँसे हों तो थोड़ी देर के लिए भूल जाइये कि आप मुसीबत में हो और अपनी सारी परेशानियाँ मुझ पर डाल दीजिये। ये सोचिये मैं यानि “पवन कुमार” मुसीबत में है तो अब आप मुझे क्या सलाह देंगे। ठन्डे दिमाग से सोचिये मुझे कठिनाई से निकलने की सलाह दीजिये। फिर देखिये आप खुद ही अपनी समस्या का समाधान कर लेंगे।

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संघर्ष – किसान और भगवान् की कहानी!..

एक बार एक किसान परमात्मा से बड़ा नाराज हो गया ! कभी बाढ़ आ जाये, कभी सूखा पड़ जाए, कभी धूप बहुत तेज हो जाए तो कभी ओले पड़ जाये! हर बार कुछ ना कुछ कारण से उसकी फसल थोड़ी ख़राब हो जाती थी. एक दिन बड़ा तंग आ कर उसने परमात्मा से कहा देखिये प्रभु, आप परमात्मा हैं , लेकिन लगता है आपको खेती-बाड़ी की ज्यादा जानकारी नहीं है ,एक प्रार्थना है कि एक साल मुझे मौका दीजिये, जैसा मै चाहू वैसा मौसम हो, फिर आप देखना मै कैसे अन्न के भण्डार भर दूंगा ! परमात्मा मुस्कुराये और कहा ठीक है, जैसा तुम कहोगे वैसा ही मौसम दूंगा, मै दखल नहीं करूँगा!किसान ने गेहूं की फ़सल बोई ,जब धूप चाही, तब धूप मिल गयी जब पानी चाह तब पानी मिल गया. तेज धूप, ओले,बाढ़ ,आंधी तो उसने आने ही नहीं दी, समय के साथ फसल बढ़ी और किसान की ख़ुशी भी ठिकाना न रहा क्योंकि ऐसी फसल तो आज तक कभी हुई ही नहीं थी ! किसान ने मन ही मन सोचा अब पता चलेगा परमात्मा को, की फ़सल कैसे उगाते हैं ,बेकार ही इतने बरस हम किसानो को परेशान करते रहे.

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